विटामिन D की कमी से दिल को खतरा

 धूप की भरपूर मात्रा होने के बावजूद 80 से 90% भारतीय विटामिन डी की कमी से होने वाली बीमारियों से पीड़ित है। खासकर दिल संबंधित बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है।


 यहां के एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के dr. प्रवीण अग्रवाल के अनुसार,विटामिन डी की कमी हाइपरटेंशन, इस्केमिक हार्ट डिजीज और हार्ट फेल्योर जैसी दिल की बीमारियों के गंभीर खतरे से जुड़ी हुई है।उन्होंने कहा कि शोध में यह बात सामने आई है कि विटामिन डी की कमी से दिल के रोगों से पीड़ित मरीजों मे हाइपरटेंशन और अचानक दिल की धड़कन रुकने से मौत होने का खतरा बढ़ा जाती हैं।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि भारतीयों में विटामिन डी की अत्यधिक कमी के कारण धूप में कतराना, घंटों बंद और तनावपूर्ण दफ्तरों में काम करना साइकिल या पैदल चलने के बजाय वाहनों पर निर्भर रहना, खेलकूद में भाग लेने की बजाय तकनीक का सहारा लेना इस बारे में अधिक जानकारी ना होने जैसी बातें शामिल है।

कैलाश हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट नोएडा, के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर संतोष कुमार अग्रवाल के अनुसार जितनी विटामिन डी की कमी ज्यादा होती है दिल के रोगों, हाइपरटेंशन और डायबिटीज के खतरे का अनुपात उतना ही ज्यादा होता है। उन्होंने कहा कि 25 ओएचडी का स्तर कम हो ना इस्कमिक  हार्ट डिजीज, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक दिल की बीमारियों के लिए खतरे के संकेत माने जाते हैं।

उल्लेखनीय है कि विटामिन डी हमारे शरीर और हड्डी तंत्र में कैल्शियम की मात्रा को बनाए रखने के लिए अहम है।हालांकि अब यह बात भी उभर कर सामने आ रही है  कि यह शरीर में दिल के रोगों को बढ़ावा देने के अहम रोल निभाती हैं और हाइपरटेंशन डायबिटीज और मौका पर जैसे खतरों से जुड़ी हुई है विटामिन डी का सबसे बड़ा स्रोत सूर्य की रोशनी है। और शरीर के लिए आवश्यक मात्रा का 95% हिस्सा धूप सेकने से मिल सकता है। बाकी का हिस्सा अन्य खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है। डॉ अग्रवाल के अनुसार हर रोज सुबह 10:00 बजे से  3:00 बजे के बीच केवल 30 मिनट तक धूप में समय बिताने से खासकर बाजूओं पर बिना सनस्क्रीन के धूप सेकना फायदेमंद होता है।

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